उन्होंने कहा चूंकि आत्म नियमन प्रभावी नहीं है इसलिए कोई विधिक नियम होना जरूरी है।
2.
उन्होंने कानून से नियंत्रित किसी आचार संहिता का सीधे जिक्र नहीं करते हुए कहा चूंकि आत्म नियमन प्रभावी नहीं है इसलिए कोई विधिक नियम होना जरूरी है।
3.
यहां पर उल्लेख करना अवश्यक है कि जब लिखित कथन में प्रतिवादी काउण्टर क्लेम करता है या करती है तो वादपत्र के संबंध में जो विधिक नियम बनाये गये है वही काउण्टर क्लेम के संबंध में लागू होते हैं अर्थात वादी वाद का कारण, मूल्यांकन, न्यायशुल्क व अनुतोष के संबंध में स्पष्ट उल्लेख करना चाहिए।